Cyber Crime. पुलिस की इस नयी मुहिम में रोज 50 लोगों की सुनवाई हो रही है. क्राइम ब्रांच रोज 50 पीड़ितों की सुनवाई कर रही है जो विभिन्न तरह के सायबर क्राइम से पीड़ित हैं. इनका एक रिकॉर्ड भी तैयार किया जा रहा है. इस रिकॉर्ड के आधार पर केस स्टडी तैयार हो रही है. इसमें अपराध करने के तरीक़े और पीड़ित और अपराधी की मन स्थिति का भी पता लगा रही है.
इंदौर. एमपी में पहली बार इंदौर पुलिस क्राइम ब्रांच पुलिस सायबर ठगी के मामलों में पीड़ित की काउंसलिंग करने के बाद एफ़आईआर दर्ज कर रही है. इस काउंसलिंग का बक़ायदा वीडियो भी बनाया जा रहा है. जिसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पीड़ित की पहचान छुपा कर अपलोड किया जा रहा है. इस काम की शुरूआत एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश डंडोतिया ने कर दी है. हर दिन कई पीड़ित क्राइम ब्रांच में पहुँच रहे हैं.
इंदौर शहर में बढ़ते सायबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए पुलिस एक्शन में आ गयी है. क्राइम ब्रांच पुलिस सायबर ठगी के मामलों में नया तरीका अपना रही है. वो पीड़ित की काउंसलिंग कर रही है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसका उद्देश्य आम लोगों में जागरूकता पैदा करना है. एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश डंडेतिया खुद लोगों की सुनवाई कर समाधान कर रहे हैं.
इंदौर बना सायबर अपराधों का गढ़
इंदौर प्रदेश की औघोगिक राजधानी है. इसके साथ ही एजुकेशन हब भी है. आसपास के ज़िलों समेत कई अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स यहाँ पढ़ने आते हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार सायबर फ़्रॉड का शिकार हो जाते हैं. बैंक फ़्रॉड, सेक्स टॉऱशन, इलेक्ट्रिक बिल भुगतान फ़्रॉड, टेलीग्राम पर जॉब टार्गेट फ़्रॉड के लोग शिकार हो रहे हैं.
बाहरी गैंग सक्रिय
इंदौर में दिल्ली, राजस्थान, झारखंड, पटना के गैंग सक्रिय हैं. इंदौर के लोगों को दिल्ली के शकरपुरा, झारखंड के जामताडा, राजस्थान की भरतपुर की गैंग अपना शिकार बना रही है. यह लोग फ़ोन या सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी निकाल कर वारदात कर रहे हैं.
ऐसी है प्रक्रिया
एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश डंडोतिया ने बताया हम हर पीड़ित को सुनकर काउंसिलिंग कर रिकॉर्ड बनवा रहे हैं. इंदौर में सायबर अपराधों को रोकने के लिए हर पीड़ित की क्राइम ब्रांच में काउंसिलिंग की जा रही है. फिर वीडियोग्राफ़ी कर केस स्टडी तैयार की जा रही है.